Monday, December 8, 2008

तुम मोसम मोसम लगते हो

तुम मोसम मोसम लगते हो

जो पल पल रंग बदलते हो

तुम सावन सावन लगते हो

जो बरसों बाद बरसते हो

तुम सपना सपना लगते हो

जो मुझको कम कम देखते हो

तुम पल पल मुझसे लड़ते हो

पर फिर भी अच्छे लगते हो

बात तो है शर्मीली सी

पर कहने को दिल चाहता है

लो आज तुम्हें यह कह डाला

तुम अपने अपने लगते हो।

Tere jism per marte hain

Tere jism per marte hain,

Teri garam saanson se Nasha karte hain,

Tujhe chumne k liye ham Duniya se ladte hain,

Lakhon me 1 tu hai mere GOLD FLACK

Tujhe pene ko sab machalte hain,