Thursday, September 25, 2008

तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करु

तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करु,

तेरा बन्दर जैसा मुहं,

तेरी जुल्फों की क्या तारीफ़ करूँ,

तेरे एक एक बाल पे जूं।


Tere husan ki kya tarif karu,

Tera bandar jaisa muh,

Tere julfon ki kya tarif karu,

Tere her ek baal pe ju.

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